किरण पड़ी सरोवर पर,वो भी गया चमक पत्ता-पत्ता, बूटी-बूटी खेले ,खेल संग-संग किरण पड़ी सरोवर पर,वो भी गया चमक पत्ता-पत्ता, बूटी-बूटी खेले ,खेल संग-संग
वक्त बदल रहा है कुछ बातों को भूल जा। वक्त बदल रहा है कुछ बातों को भूल जा।
सजग सबल सामर्थ्यवान बन वो आधुनिक नारी है। सजग सबल सामर्थ्यवान बन वो आधुनिक नारी है।
दृढ़ता विश्वास ही होगा जो मेरी जिंदगी संवारेगी।। दृढ़ता विश्वास ही होगा जो मेरी जिंदगी संवारेगी।।
विरले ही होते हैं जो पहुंच पाते हैं रूह के करीब। विरले ही होते हैं जो पहुंच पाते हैं रूह के करीब।
ये दुनिया समझो साथ उसी के जो समय देखकर चलता है। ये दुनिया समझो साथ उसी के जो समय देखकर चलता है।