हिम्मत कर हिस्सा संभल बढ़ आज की नारी सबला हूं बस आगे बढ़ ममता का आंचल परचम लहराने निकली खालीपन यादों का मंजर भावनाएं आहत करती हैं खुशियां का दामन लोग देह आगे समय झुकना

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